16 साल पुरानी एसिडिटी से आज़ादी – जब होम्योपैथी और सही आदतों ने बदली ज़िंदगी
-डॉ. पार्थ मांकड़, स्वास्थ्य एवं होम्योपैथी विशेषज्ञ
अमित (बदला हुआ नाम) जब पहली बार मुझसे मिलने आए, तो उनकी आँखों में उम्मीद से ज्यादा थकान और हताशा थी। 16 साल से लगातार एसिडिटी, खट्टी डकारें, पेट में जलन और गैस से जूझते-जूझते वे परेशान हो चुके थे। उन्होंने कई एलोपैथिक दवाएँ ली थीं, पर असर बस कुछ घंटे या दिनभर ही रहता था।
उन्होंने झिझकते हुए कहा, “डॉक्टर साहब, अब तो लगता है कि ये एसिडिटी कभी ठीक ही नहीं होगी। कुछ भी खा लूं, पेट में जलन शुरू हो जाती है। कभी-कभी तो रात में नींद से भी उठना पड़ता है।”
मैंने उनकी पूरी बात सुनी। इलाज से पहले मैं ये समझना चाहता था कि आखिर इस समस्या की जड़ कहाँ है?
कैसे शुरू हुई ये एसिडिटी?
अमित की तकलीफ कॉलेज के दिनों से ही शुरू हो गई थी। देर रात तक पढ़ाई, बाहर का तला-भुना खाना, चाय-कॉफी का ज्यादा सेवन – धीरे-धीरे ये सब उनके पेट की सेहत बिगाड़ने लगे।
शुरुआत में वे इसे हल्के में लेते रहे। लेकिन कुछ सालों बाद जब जलन बढ़ने लगी, तो उन्होंने एसिडिटी की दवाएँ लेनी शुरू कर दीं।
“पहले हफ्ते में ही दवा लेने से आराम मिलता था, लेकिन फिर धीरे-धीरे बिना दवा लिए एक दिन भी निकलना मुश्किल हो गया,” अमित ने बताया।
पिछले 3 साल – जब ज़िंदगी और मुश्किल हो गई
पिछले तीन सालों से अमित की जिंदगी और भी तनावपूर्ण हो गई थी। वे एक कंपनी में मैनेजर थे, और काम का दबाव इतना था कि उनके खाने और सोने का कोई तय समय ही नहीं रहा।
☑️ सुबह जल्दी ऑफिस जाना, देर रात लौटना
☑️ काम के स्ट्रेस में चाय-कॉफी की अधिकता
☑️ जल्दी-जल्दी खाना खाना, वो भी अनहेल्दी
☑️ रात को जागने की आदत, जिससे पाचन खराब हो गया
इसका सीधा असर उनके शरीर पर पड़ने लगा। पेट में गैस, भारीपन, जलन और खट्टी डकारें इतनी बढ़ गईं कि खाने के बाद 10-15 मिनट बैठना मुश्किल हो जाता था।
अमित ने कई डॉक्टरों से सलाह ली, लेकिन हर बार दवाएँ दी जातीं, और थोड़े समय के लिए आराम मिलता।
जब उन्होंने मुझसे संपर्क किया
जब अमित डॉ. मांकड़्स होम्योपैथी क्लिनिक, अहमदाबाद आए, तो मैंने उनसे उनके जीवन के हर पहलू के बारे में विस्तार से पूछा।
“मैं बस चाहता हूँ कि ये जलन और एसिडिटी खत्म हो जाए, ताकि मैं फिर से बिना डर के कुछ भी खा सकूं,” उन्होंने कहा।
उनकी पूरी केस हिस्ट्री को समझने के बाद, मैंने देखा कि उनकी समस्या सिर्फ खान-पान की नहीं,
बल्कि मानसिक तनाव और अनियमित जीवनशैली की भी थी।
होम्योपैथिक इलाज और जीवनशैली में बदलाव – कैसे हुआ चमत्कारी सुधार?
मैंने अमित को होम्योपैथिक दवा Robinia दी। यह खासतौर पर अत्यधिक एसिडिटी, खट्टी डकारें और पेट में जलन जैसी समस्याओं में बेहतरीन काम करती है।
लेकिन सिर्फ दवा देना ही काफी नहीं था। मैंने उन्हें कुछ जरूरी आदतें बदलने के लिए कहा, ताकि वे हमेशा के लिए इस समस्या से छुटकारा पा सकें।
☑️ तली-भुनी और जंक फूड से बचें
☑️ खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं, कम से कम 30 मिनट का गैप रखें
☑️ रात का खाना सोने से 2 घंटे पहले खाएं
☑️ देर रात जागने की आदत छोड़ें और 7-8 घंटे की नींद लें
☑️ रोज 10-15 मिनट टहलें ताकि पाचन सही हो
☑️ चाय-कॉफी सीमित करें, खासतौर पर खाली पेट न लें
सुधार की यात्रा – 16 साल की बीमारी से छुटकारा!
पहले हफ्ते में ही असर दिखना शुरू हुआ
पहले हफ्ते में ही पेट की जलन 50% तक कम हो गई, और उन्हें राहत महसूस होने लगी।
15 दिन बाद
अब रात में सोते समय एसिडिटी नहीं हो रही थी, और उन्हें दवा लेने की ज़रूरत भी कम महसूस होने लगी।
1 महीने बाद
एसिडिटी 75% तक ठीक हो गई, और उनका पूरा शरीर हल्का और ऊर्जावान महसूस करने लगा।
3 महीने बाद – अमित पूरी तरह ठीक हो गए!
अमित अब बिना किसी दवा के सामान्य जीवन जी रहे हैं। वे अपने खाने-पीने का ध्यान रखते हैं, लेकिन अब किसी भी चीज़ को खाने से पहले डर महसूस नहीं करते।
“डॉक्टर साहब, 16 साल बाद ऐसा लग रहा है जैसे मैं फिर से आज़ाद हो गया हूँ,” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा।
अगर आप भी एसिडिटी से परेशान हैं, तो होम्योपैथी अपनाएँ!
अगर आप भी गैस, जलन, खट्टी डकारें और अपच जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं और हर रोज़ दवाओं पर निर्भर हो गए हैं, तो होम्योपैथी आपका स्थायी समाधान हो सकता है!
💡 होम्योपैथी सिर्फ लक्षणों को दबाती नहीं, बल्कि बीमारी की जड़ को ठीक करती है। सही उपचार और सही जीवनशैली से कोई भी पुरानी बीमारी पूरी तरह से खत्म हो सकती है।
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Dr. Parth Mankad
Homeopathy Consultant,
Homeoeclinic